क्या है ब्लैक फंगस संक्रमण ?
ब्लैक फंगस से बचने के लिए करें ये उपाय, आइये जानते हैं कितना खतरनाक है
फंगस
- काले फंगस के संक्रमण को चिकित्सीय भाषा में Invasive Mucormycosis के नाम से जाना जाता है । ये एक फंगल संक्रमण से उत्पन्न रोग है जो सामान्य तौर पर कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले रोगियों में दिखाई देता है ।
- अभी तक प्रदेश में 50 लोगों में इसके संक्रमण की पुष्टि हुई है । कोविड -19 के बढ़ते संक्रमण के साथ - साथ कोरोना से संक्रमित मरीज / कोरोना से ठीक हो चुका व्यक्ति / कोरोना के संदिग्ध मरीजों में ब्लैक फंगस संक्रमण का प्रभाव दिख रहा है ।
- हवा या पानी में मौजूद फंगस के कण रोगी के नाक , मुख , दांत , आंख एवं गंभीर स्थिति में दिमाग सहित शरीर के कई हिस्सों को भी संक्रमित कर सकता है । समय पर संक्रमण की पहचान एवं इलाज न होने पर ये जानलेवा भी हो सकता है ।
यह संक्रमण अनियंत्रित डायबिटीज , गुर्दा एवं सांस संबंधी बीमारियों का इलाज
करा रहे मरीज , कैंसर रोगी , अन्य अंग प्रत्यारोपण के रोगियों में पाया जा रहा
है । काले फंगस का संक्रमण न केवल नाक , आंख , मुख में हो सकता है बल्कि यदि
सावधानी न बरती जाये तो यह दिमाग , फेफड़ों एवं आंतों को भी संक्रमित कर सकता
है ।
ब्लैक फंगस संक्रमण ( Invasive Mucormycosis )
-:लक्षण: -
- नाक बंद होना
- नाक से काले रंग का डिस्चार्ज होना
- नाक के आस - पास गालों की हड्डियों में दर्द होना
- चेहरे में दर्द , सुनपन एवं सूजन आना
- लगातार सिरदर्द होना
- दातों में दर्द और दातों का जड़ों से हिलना , जबड़े विभाग में दर्द होना
- आंखों में दर्द के साथ धुंधला दिखना , बुखार आना एवं शरीर में नील पड़ना
- सीने में दर्द , सांस लेने में दर्द होना , फेफड़ों में पानी भरना , खून की उल्टी होना
- मुंह से बदबू आना - मानसिक भ्रम होना
तभार ब्लैक फंगस संक्रमण ( Invasive Mucormycosis
)
क्या रखें सावधानी ?
- ऑक्सीजन के रोगी , उपयोग के दौरान Humidifier Bottle में Sterile / Distilled Water का उपयोग करेंएवं नियमित रुपसे पानी को बदलते रहें ।
- मरीजों के लिए उपयोग होने वाला ऑक्सीजन मास्क , कैनुला आदि को नियमित रुप से सेनेटाइज करें और जरूरत अनुसार बदलते रहें ।
- अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों में संक्रमण के जति नियंत्रण के लिए तय प्रोटोकॉल का पालन करें ।
ब्लैक फंगस संक्रमण ( ( Invasive Mucormycosis )
क्या रखें सावधानी ?
- कोरोना से संक्रमित मरीज / कोरोना से ठीक हो चुका व्यक्ति / कोरोना के संदिग्ध मरीज अपने डायबिटीज की प्रतिदिन निगरानी करें एवं उसपर उचित नियंत्रण रखें ।
- डॉक्टर की सलाह पर Steroid ले रहे मरीज भी अपने शरीर में शुगर की मात्रा की प्रतिदिन निगरानी करें ।
- किसी भी स्थिति में Steroid एव Broad Spectrum Antibiotics का अनावश्यक एवं जन अनुचित सेवन न करें ।
क्या है इलाज
ब्लैक फंगस का इलाज एंटीफंगल दवाओं से होता है। सर्जरी करानी पड़ सकती है।
डॉक्टर के मुताबिक इसमें डायबिटीज कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। मरीज की
स्टेरॉयड वाली दवाएं कम करनी होगी और इम्यून मॉड्यूलेटिंग ड्रग्स बंद करने
होंगे।कोविड टास्क फोर्स की सलाह के मुताबिक सर्जरी से पहले शरीर में पानी की
उचित मात्रा मेंटेन करने के लिए चार-छह हफ्ते IV सेलाइन वाटर चढ़ाना होगा।
इससे पहले एंटी फंगल थेरेपी देनी होगी। इसमें अम्फोटेरिसिन बी नाम का एंटी
फंगल इंजेक्शन भी शामिल है।
इलाज करने में इन डॉक्टरों की जरूरत
माइक्रोबायोलॉजिस्ट, इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्टइं, टेंसिविस्टन्यू,
रोलॉजिस्ट, ईएनटी स्पेशलिस्ट, आंखों का स्पेशलिस्ट, डेंटिस्ट, प्लास्टिक
सर्जन, बायोकेमिस्ट।
सावधानियां
- एम्बुलेंस, अस्पताल आदि में आक्सीजन मास्क नया लगाएं।
- किसी के द्वारा इस्तेमाल किया मास्क दुबारा न लगाएं।
- आक्सीजन चैंबर का पानी बदलते रहना चाहिए। उसकी साफ-सफाई होती रहनी चाहिए।
- डायबिटीज के मरीजों को स्टेरॉयड के साथ एंटी फंगल दवा शुरू कर दें।
- डायबिटीज को नियंत्रित रखें।
- अगर आप कोरोना से स्वस्थ होकर लौटे हैं तो अपने ब्लड शुगर पर कड़ी निगरानी रखें।
- स्टेरॉयड का सही इस्तेमाल सही समय पर, सही मात्रा में उचित समय तक डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
- धूल वाली जगह पर जाएं तो मास्क का प्रयोग करें।
- शरीर पर मिट्टी या धूल कण लगे हों तो साफ करके नहाएं जिससे फंगस के कण चिपके न रह जाएं।