(1)अबेकस - यह एक प्राचीन गणना यंत्र है जिसका आविष्कार प्राचीन बेबीलोन में अंकों की गणना के लिए किया गया था । इसे संसार का प्रथम गणक यंत्र कहा जाता है इसमें तारों में गोलाकार मनके पिरोयी जाती है , जिसकी सहायता से गणना को आसान बनाया गया । अबेकस तारों का एक फ्रेम होता है जिसके चारों ओर प्रायः लकड़ी का बाहरी फ्रेम होता है । इसके तारों में मोती पिरोये होते हैं । ये मोती पक्की मिट्टी के गोल छिद्रयुक्त टुकड़े होते हैं अबेकस स्थानीय मान अंकन पद्धति के सिद्धांत पर कार्य करता है ।
( 2 ) पास्कलाइन - फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ने 1642 में प्रथम यांत्रिक गणना मशीन का आविष्कार किया । वह केवल जोड़ व घटा सकती थी । अत : इसे एडिंग मशीन भी कहा गया । यह मशीन घड़ी और ओडोमीटर के सिद्धांत पर कार्य करती थी । इसमें कई दांतेयुक्त चकरियां थीं । जो घूमती रहती थीं , चकरियों के दांतों पर 0 से 9 तक के अंक छपे रहते थे । प्रत्येक चकरी का एक स्थानीय मान था जैसे - इकाई , दहाई , सैकड़ा आदि ।
( 3 ) डिफरेंस इंजन और एनालिटिकल इंजन - ब्रिटिश गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज ने 1822 में डिफरेंस इंजन का आविष्कार किया । जो भाप से चलता था तथा गणनाएं कर सकता था । 1842 में चार्ल्स बैबेज ने एक स्वचालित मशीन एनालिटिकल इंजन बनाया जो पंचकार्ड पर के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करती थी । तथा मूलभूत अंकगणितीय गणनाएं कर सकती थीं । डिफरेंस इंजिन कई प्रकार के गणना कार्य करने में सक्षम था । इसमें निर्देशों को संग्रहीत करने की क्षमता थी और इसके द्वारा स्वचालित रूप से परिणाम भी छापे जा सकते थे । बैबेज का कम्प्यूटर के विकास में बहुत बड़ा योगदान रहा है ।
( 4 ) सेंसस टेबुलेटर - सन् 1890 में अमेरिका के वैज्ञानिक हर्मन होलेरिथ ने इस विद्युत चालित यंत्र का आविष्कार किया । जिसका प्रयोग अमेरिकी जनगणना में किया । इन्हें पंचकार्ड के आविष्कार का श्रेय भी दिया जाता है । सन् 1896 में होलेरिथ ने पंचकार्ड यंत्र बनाने की एक कम्पनी टेबुलेटिंग मशीन कम्पनी स्थापित की ।
( 5 ) मार्क- I- सन् 1937 से 1944 के बीच आई 0 बी 0 एम 0 नामक कंपनी के सहयोग तथा वैज्ञानिक हावर्ड आईकेन के निर्देशन में विश्व के प्रथम पूर्ण स्वचालित विद्युत यांत्रिक गणना यंत्र का आविष्कार किया गया । इसे मार्क- I नाम दिया गया । इसमें 500 मौल लम्बाई के तार व 30 लाख विद्युत संयोजन थे । यह 6 सैकेण्ड में एक गुणा और 12 सैकेण्ड में एक भाग की क्रिया कर सकता था ।
( 6 ) एनिएक ( ENIAC - electronic numerical integrator and calculater ) - सन् 1946 में अमेरिकी वैज्ञानिक जे 0 पी 0 एकर्ट तथा जॉन मुचली ने सामान्य कार्य के लिए प्रथम पूर्ण इलेक्ट्रानिक कम्प्यूटर का आविष्कार किया । जिसे एनिएक नाम दिया गया ।
( 7 ) यूनी वैक ( UNIVAC - Universal Automatic Computer ) - यह प्रथम कम्प्यूटर था जिसका उपयोग व्यापारिक और अन्य सामान्य कार्यों के लिए किया गया । प्रथम व्यापारिक कम्प्यूटर यूनी वैक I ( UNIVAC - I ) का निर्माण 1954 में जीइसी ( GEC General Electric Corporation ) ने किया ।
( 8 ) स्लाइड रूल - स्लाइड रूल का आविष्कार विलियम आर्टिड ने किया । स्लाइड रूल में संगणनायें लघुगणक द्वारा की जाती थीं ।
( 9 ) जोसेफ जेकार्ड - जोसेफ जेकार्ड ने कपड़े बुनने के ऐसे लूम का आविष्कार किया जो कपड़ों में डिजाइन या पैटर्न स्वतः देता था । इस लूम की विशेषता यह थी कि वह कपड़े के पैटन को कार्डबोर्ड के छिद्रयुक्त पंचकार्डों से नियंत्रित करता था । पंचकार्ड पर छिद्रों की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति द्वारा धागों को निर्देशित किया जाता था । जैकार्ड के इस लूम ने दो विचारधारायें दी । जो आगे कम्प्यूटर के विकास में उपयोगी सिद्ध हुई ।
( 10 ) नेपियर्स बोन्स - सन् 1617 ई में सर जान नेपियर ने जोड़ने , घटाने गुणा और भाग आदि के लिए एक यंत्र का निर्माण किया । यह यंत्र 11 आयताकार छड़ों के समूह से निर्मित था । प्रत्येक छड़ 10 वर्गों में विभक्त था । ऊपरी वर्गों में 0 से 9 तक की संख्यायें होती थीं । नीचे के वर्गों में उन संख्याओं के गुणज लिखे होते थे ।