ट्रेडमार्क का अर्थ
जब किसी नाम, अक्षर, चिन्ह, डिजायन या चित्र का कानून के अन्तर्गत पंजीयन करा
लिया जाता है तो इसे ट्रेडमार्क या व्यापार चिन्ह कहा जाता है। पंजीयन के बाद
‘‘ट्रेडमार्क’’ का उपयोग केवल इस पर अधिकार रखने वाला व्यक्ति ही कर सकता
है।
ट्रेडमार्क की परिभाषा
- विलियम जे. स्टेन्टन के अनुसार, ‘‘ट्रेडमार्क एक ब्राण्ड है, जिसे किसी विक्रेता द्वारा अपनाया गया है तथा कानून द्वारा संरक्षण दिया गया है।’’
- कोपलेण्ड के अनुसार, ‘‘ट्रेडमार्क कोई भी चिन्ह् संकेत, प्रतीक, अक्षर या शब्द है जो किसी उत्पाद के उद्भव या स्वामित्व को प्रकट करता है जो उसकी किस्म से भिन्न होता है तथा दूसरे उसका उसी प्रकार उपयोग करने का वैधानिक अधिकार नहीं रखते है।’’
- अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन, ‘‘ट्रेडमार्क एक ब्राण्ड है जिसका वैधानिक संरक्षण दे दिया गया है क्योंकि इसको कानून के अन्तर्गत केवल एकमात्र विक्रेता द्वारा अपनाया जा सकता हैं।’’
इस प्रकार ट्रेडमार्क भी एक ब्राण्ड ही है, जिसका उपयोग करने का अधिकार केवल
उसी व्यक्ति या संस्था को होता है जिसने विधान के अनुसार उसका पंजीयन करवाकर
वैधानिक संरक्षण प्राप्त कर लिया है। ट्रेडमार्क भी शब्द, अक्षर, चिन्ह,
प्रतीक या अंक आदि के रूप में हो सकता है जिसका प्राय: उच्चारण भी किया जा
सकता है। इसमें चित्रयुक्त डिजायन भी सम्मिलित है, जिनका वर्णन किया जा सकता
है।
भारत सरकार ने ट्रेड एण्ड मर्केन्डाइज मार्क एक्ट, 1958 के अन्तर्गत
ट्रेडमार्क के पंजीयन की व्यवस्था की है। इस अधिनियम की धारा 11 एवं 12 में
ट्रेडमार्क के पंजीयन की शर्ते दे रखी है। इन शर्तों का पालन करते हुए कोई भी
व्यक्ति या संस्था अपने ब्राण्ड/ट्रेडमार्क का पंजीयन करवा सकती है।
ट्रेडमार्क पंजीयन की कुछ शर्तें इस प्रकार है।
- ट्रेडमार्क धोखा देने वाला या संदेह उत्पन्न करने वाला नहीं होना चाहिए।
- यह देश के राजनियम के विरूद्ध नही होना चाहिए।
- यह अपमानजनक या निन्दाकारक नहीं होना चाहिए।
- यह अश्लील नही होना चाहिए।
ट्रेडमार्क की विशेषताएँ
- इसमें ब्राण्ड का कानून के अन्तर्गत पंजीयन होता है।
- ट्रेडमार्क को कानून के अन्तर्गत केवल एकमात्र संस्था या व्यक्ति या विक्रेता द्वारा अपनाया जा सकता है।
- सभी ट्रेडमार्क ब्राण्ड हैं ओर इनमें वे सभी शब्द, लेख या अंक शामिल हैं जिनका उच्चारण हो सकता है। इसी प्रकार इसमें तस्वीर की डिजाइन भी सम्मिलित है।
- ट्रेडमार्क वस्तु को उसकी किस्म से भिन्न करते है।
- ट्रेडमार्क, रजिस्टर्ड ब्राण्ड के बारे में प्रयुक्त किया जाता है। इसलिए सभी ट्रेडमार्क ब्राण्ड माने जाते हैं, किन्तु सभी ब्राण्ड ट्रेडमार्क नहीं माने जाते है।
- व्यावहारिक दृष्टि से ब्राण्ड एवं ट्रेडमार्क में अन्तर नहीं है, किन्तु कानूनी दृष्टि से विचार करने पर इनमें अन्तर प्रकट होता है।