MS Access Types of Key

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(1) Super Key : - यह ऐसे एक या अधिक attributes का set होता है , जो विशिष्ट तरीके से किसी entity set को पहचान सकता है । Super set key भी super key के रूप में मानी जा सकती है ।

 उदाहरण के लिये एक entity के 4 attribute PQ , R , S है । यदि attribute P उस entity की विशिष्ट पहचान कर सकता है , तो P उस entity के लिये super key है । इसी प्रकार attributes का group या combination भी super key कहा जा सकता है । अर्थात् { PQ } , { P.R } , { P.Q , R } , { P.Q , S ) और { P , Q , R , S ) को भी super key कहा जा सकता है ।

(2) Candidate Key : - सारे attributes का group जो entity को विशिष्ट तरीके से पहचान सकते हैं , candidate key कहलाती है । वह key जिसका कोई भी proper subset , super key नहीं है , एक candidate key हो सकती है ।

 उदाहरण के लिये एक entity के 4 attribute PQ , R , S हैं । अब यदि attribute ( P ) और { P.R , S ) दोनों entity को विशिष्ट रूप से पहचान सकते हैं , तो फिर super key की परिभाषा के अनुसार ये भी super key है । P के सम्बन्ध में { P } , { P.Q } , { PQ.R } , { P.R , S } , { P.Q , R , S } और R , S के संबंध में { R , S , P } , { R , S.Q } , R.S.P.Q }

  अब वे ही key candidate key हो सकती हैं , जिसका कोई भी proper subset , super key नहीं हैं । इस परिभाषा के अनुसार { P.Q } candidate key नहीं हो सकती है , क्योंकि इसका subset { P } एक super key है । इसी प्रकार { Q.R , S } भी candidate key नहीं हो सकती है , क्योंकि इसका subset { R , S } एक super key है ।

(3) Primary Key : - ऐसी candidate key जिसे database designing में किसी entity को पहचानने में उपयोग किया जाता है , अथवा विभिन्न candidate key में से ऐसी key का चयन करना जो कि अद्वितीय हो तथा सम्पूर्ण application में relation को access करने के लिये उपयोगी की जा सकती है , उसे primary key कहते हैं । 

(4) Alternate Key : - वह candidate key जो database design करते समय primary key को चुनने के बाद शेष रह जाती है , alternate key कहलाती है ।

( 5) Foreign Key : - Koreign key के द्वारा किन्हीं दो entity में संबंध स्थापित किया जाता है । किसी एक entity के लिये foreign key , दूसरी entity के लिये primary key हो सकती है । उदाहरण के लिए माना कि दो entity student ( St_Id , Name , Age , Address , Book_Id ) तथा book ( book_Id , Title , Author ) हैं । प्रथम entity student में book_Id attribute book entity के लिये foreign key कार्य करेगा । इसके माध्यम से हम इन दोनों relation के मध्य संबंध स्थापित कर सकते हैं । Foreign key से संबंधित एक नियम भी है , जिसे referential entegrity rule कहते हैं । जिसके अनुसार foreign key , की value दूसरी entity में संबंधित key की values के समान हो अथवा null हो सकती है । उदाहरण- Student ( St_Id , Name , Age , Address )

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