DOS क्या है ? DOS के BOOT होने की प्रोसेस को समझाइये ?
अगस्त 1981 में MS - DOS नाम का ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित किया था , जिसका पूरा नाम Microsoft disk operating system है , इसे Version 1.0 के साथ बाजार में उतारा गया था , जिसे IBM के पर्सनल कम्प्यूटर ( IBM PC ) के लिए बनाया गया था । इसके बाद DOS के कई version आये DOS कम्प्यूटर के माइक्रो प्रोसेसर को नियंत्रित करता है । जो कार्य करने के लिए निर्देश देता है , इसकी सहायता से ही कम्प्यूटर फ्लॉपी डिस्क और हार्ड डिस्क को प्रयोग करता है ।
Booting of DOS-
कम्प्यूटर प्रारम्भ करने की प्रक्रिया को बूटिंग प्रोसेस कहते हैं , क्योंकि कम्प्यूटर पर ऑपरेटिंग सिस्टम लोड करने के बाद कोई कार्य किया जा सकता है अतः कम्प्यूटर को सर्वप्रथम बूट करना आवश्यक है । इस डिस्क का सबसे पहला भाग Boot area होता है , जो Boot record को store करता है , ये सभी निर्देश ROM में स्थायी रूप से store रहते हैं , जिन्हें ROM BIOS routines कहते हैं , कम्प्यूटर को इस प्रकार जाँचने को ( POST POWER ON SELF TEST ) कहते हैं । यह start up routines के अन्तर्गत कार्य करता है , ROM BIOS routines का अगला step " BOOT STEP PROCESS " होता है , जो उस operating system को मेमोरी में लोड करता है , BOOT area कई partition में विभाजित है , इसके बाद यह दो फाइलों IO. SYS और MS - DOS . SYS को प्रोसेस करता है , जो data area में store होता है जब यह दोनों फाइले मेमोरी में लोड हो जाती है