Finance
Minister निर्मला सीतारमण
के अनुसार 3-7 लाख रुपये की आय पर 5
प्रतिशत 7-10 लाख रुपये के बीच 10
प्रतिशत और 10-12 लाख रुपये पर 15
प्रतिशत कर लगाया जाएगा। अगर आपकी सालाना आय 3 लाख रुपये से कम है तो आपको इनकम
टैक्स नहीं भरना पड़ेगा। आइए Income Tax
Slab से लेकर New Tax Regime तक के बारे में जान लेत हैं।
बिजनेस
डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala
Sitharaman) ने मोदी
सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 23 जुलाई को पेश किया है। इस दौरान
उन्होंने ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी विकास तक के लिए नई स्कीम की घोषणा की है।
इसके अलावा इनकम टैक्स नियमों में भी संशोधन किया गया है।
बजट
भाषण के दौरान FM Nirmala
Sitharaman ने टैक्स
स्लैब, इनकम टैक्स रेट और न्यू टैक्स रिजीम जैसे शब्दों
का कई बार इस्तेमाल किया। आइए, आसान भाषा में इनके बारे में जान
लेते हैं।
इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) क्या होता है?
भारत
सरकार द्वारा अर्जित आय पर टैक्स लगाया जाता है। यह कर आय की सीमा पर लागू होता है, जिसे
टैक्स स्लैब(Tax Slab) कहा जाता है और ये साल दर साल बदलते
रहते हैं। इस बार के आम बजट में भी टैक्स को लेकर नियमों में बदलाव किए गए हैं।
न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) क्या है?
भारत
में फिलहाल दो तरह से इनकम टैक्स बसूला जाता है। इसमें ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम
शामिल है। इस बार के बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वहीं, न्यू
टैक्स रिजीम अपडेट हुआ है। नए टैक्स रिजीम में इस तरह से आयकर वसूला जाएगा-
- 3 लाख रुपये तक की आय पर 0%
- 3 लाख रुपये से 7
लाख रुपये तक की आय पर 5%
- 7 लाख रुपये से 10
लाख रुपये तक की आय पर 10%
- 10 लाख रुपये से 12
लाख रुपये तक की आय पर 15%
- 12 लाख रुपये से 15
लाख रुपये तक की आय पर 20%
- 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30%
कितनी
कमाई पर टैक्स लगेगा?
Finance
Minister निर्मला सीतारमण
ने कहा है कि नई व्यवस्था के तहत 3 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स से
छूट जारी रहेगी। नए प्रस्ताव के अनुसार,
3-7 लाख रुपये की आय
पर 5 प्रतिशत,
7-10 लाख रुपये के बीच
10 प्रतिशत और 10-12 लाख रुपये पर 15
प्रतिशत कर लगाया जाएगा।
किन लोगों को टैक्स नहीं देना होगा?
नई
कर व्यवस्था चुनने वाले व्यक्तियों के लिए टैक्स छूट की सीमा 3 लाख
रुपये रखी गई है। अगर आपकी सालाना आय 3
लाख रुपये से कम
है, तो आपको इनकम टैक्स नहीं भरना पड़ेगा। वहीं, 3 लाख
से ज्यादा वार्षिक आय वाला लोगों पर टैक्स स्लैब के हिसाब से कर वसूला जाएगा।